Motihari: निगरानी विभाग में तैनात दरोगा राम बहादुर प्रसाद कुशवाहा, पूर्व विधायक राजेश कुशवाहा के साथ अपने केस की पैरवी करने एसपी ऑफिस पहुंचे थे, वह भी तब जब कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ वारंट जारी किया था, इतना ही नहीं जब दारोगा राम बहादुर प्रसाद कुशवाहा ने सरेंडर नहीं किया था तो कोर्ट ने कुर्की का आदेश भी जारी कर दिया था, लेकिन दरोगा राम बहादुर अपनी हनक दिखाकर गायब हो गए थे ।
पद और वर्दी के नशे में चूर दारोगा को नहीं थी कोर्ट से निर्गत वारंट और कुर्की की फ़िक्र ।
एसपी ऑफिस पहुंचते ही दरोगा राम बहादुर ने खुद को निर्दोष बताया, पूर्व विधायक ने भी दारोगा की वकालत करते हुए एसपी को कहा कि यह निर्दोष है, लेकिन एसपी स्वर्ण प्रभात के सामने दोनों की एक नहीं चली, आरोपी दारोगा को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया ।
यहां हैरतअंगेज बात यह है कि दारोगा राम बहादुर अपने ऊपर वारंट जाने होने के बावजूद निगरानी विभाग, पटना में ड्यूटी कर रहा था। पुलिस कप्तान ने बताया कि दरोगा राम बहादुर के ऊपर कोर्ट से परमानेंट वारंट जारी हुआ था। जिसमें वह पिछले कई महीनों से फरार चल रहा था ।
गिरफ्तार दारोगा पर करीब दो वर्ष पूर्व ही गौरे गांव निवासी नवीन कुमार सिंह ने गोली चलाने और जबरन रंगदारी में जमीन लिखवाने का मुकदमा न्यायालय में दायर किया था, केस की सुनवाई शुरू हुई तो दरोगा राम बहादुर कोर्ट में पेश ही नहीं हुआ, जब कई तारीखों पर दरोगा पेश नहीं हुआ तो कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट और कुर्की निकाल दिया, लेकिन, दरोगा राम बहादुर ने इसकी भी परवाह नहीं की। वह पद और वर्दी के नशे में चूर था ।