आज आपको एक ऐसे आईपीएस अधिकारी की कहानी बताने जा रहे हैं जो किसी नाम के मोहताज नहीं है वह जिस जिले में जाते हैं पुलिसकर्मियों और अपराधियों में हडकंप मच जाता है, जब कोई फरियाद ही उनके पास जाता है तब वह फैसला तुरंत ही कर डालते हैं, अजब रुतबा है इस आईपीएस अधिकारी में जो अपने नाम से प्रख्यात आईपीएस अधिकारी है।
हम बात कर रहे हैं पूर्वी चंपारण मोतिहारी में तैनात पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात की, इनकी बीवी भी बिहार कैडर कि मशहूर IAS अधिकारी हैं ।
कौन है आईपीएस स्वर्ण प्रभात लिए जानते हैं उनके बारे में ।
स्वर्ण प्रभात 2017 बैच बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, वह मूल रूप से भोजपुर बिहार के रहने वाले हैं ।
उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी जिसमें उन्होंने 105वा रैंक के साथ सफलता हासिल की थी ।
स्वर्ण प्रभात भोजपुरी के तरारी प्रखंड के मोआप कल के कौशलेश कुमार सिन्हा और ललिता देवी के पुत्र हैं ।
यूपीएससी परीक्षा पास करने से पहले स्वर्ण प्रभात IITN थे, उन्होंने IIT खड़कपुर से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग किया है ।
IIT खड़कपुर से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वर्ण प्रभात ने माइक्रोसॉफ्ट वेयर कंपनी में जॉब पड़ी हुई थी ।
अच्छे पैकेज पर 2 साल नौकरी करने के बाद स्वर्ण प्रभात ने नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए ।
स्वर्ण प्रभात को पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली, इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और पूरे तन मन के साथ तैयारी में जुटे रहे ।
उन्होंने दूसरे प्रयास में यूपीएससी क्लियर करते हुए 105 वा रैंक हासिल किया और आईपीएस अधिकारी बन गए ।
उनकी पोस्टिंग जब बिहार के भागलपुर में सीटी एसपी के रूप में हुई तो उन्होंने वहां कई संगीन मामलों में अपना बेहतरीन कार्य किया ।
उसके बाद स्वर्ण प्रभात की पोस्टिंग बिहार के गोपालगंज में बतौर पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई, वहां उन्होंने बड़ी ही बेहतरीन कार्य किया और वहां के गुंडो और अपराधियों में तहलका मचा दी, उन्होंने गोपालगंज के जनता के दिलों में अपना नाम बसा लिया, वहां की जनता से उन्हें ढेरों सारा प्यार और आशीर्वाद मिला ।
स्वर्ण प्रभात अभी फिलहाल मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक है वही मोतिहारी में ऐसे पुलिस अधीक्षक मिलने से कानून व्यवस्था में और मजबूती बढ़ाने की उम्मीद दिखाई दे रही है ।