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बेतिया से गायब हुए भाई-बहन 7 साल के बाद लखनऊ में मिले, अपहरण के केस में चाची जा चुकी हैं जेल ।

बेतिया: पश्चिम चम्पारण के शिकारपुर थाना क्षेत्र के प्रकाश नगर से गायब दो बच्चे 7 साल बाद लखनऊ के बाल सुधार गृह में मिले। दरअसल, प्रकाश नगर से गायब दो बच्चे 7 साल बाद उत्तर प्रदेश के लखनऊ के बाल सुधार गृह में मिले। दोनों बच्चे लखनऊ के एक बाल सुधार गृह में थे। शिकारपुर पुलिस ने दोनों बच्चों को बरामद कर लिया है, हालांकि दोनों बच्चों में एक बच्ची को पुलिस अपने साथ शिकारपुर थाना लाई है। जबकि एक बच्चा अभी बाल सुधार गृह में ही है। इसकी जानकारी देते हुए शिकारपुर थानाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने बताया कि सूचना मिली थी कि दोनों बच्चे लखनऊ के बाल सुधार गृह में है। सूचना पर एसआई सुजीत कुमार दास के नेतृत्व में एक टीम गठित कर लखनऊ भेजा गया।

वहीं पुलिस टीम ने दोनों बच्चों को बाल सुधार गृह से बरामद कर लिया। लेकिन बच्चे का परीक्षा चल रहा है। जिसके कारण उसको छोड़ दिया गया है। जबकि बच्ची को शिकारपुर थाना लाया गया। उन्होंने बताया कि जब दोनों गायब हुए थे तो एफआईआर में बच्ची की उम्र 12 और बच्चे की उम्र 7 साल बताई गई थी। लेकिन सात साल के बाद दोनों मिले हैं और दोनों बड़े हो गए हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि गायब हुई बच्ची बरामद कर ली गई है। सात साल के बाद वह युवती हो गई है। बरामद युवती को न्यायालय में बयान के लिए भेजा जा रहा है। न्यायालय में बयान के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि दोनों बच्चे एक साथ गायब हो गए थे। मामले में बच्चों की मां प्रकाश नगर निवासी सुनीता देवी ने 22 जुलाई 2016 को शिकारपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें अपनी देयादीन मून्नी देवी को आरोपित किया था। आरोप था कि मुन्नी देवी से उसका घरेलू विवाद था। जिसके कारण मुन्नी देवी ने उसकी 12 वर्षीय पुत्री कौशिकी कुमारी एवं 8 वर्षीय पुत्र राजीव उर्फ इंद्रसेन का अपहरण कर लिया है। एफआईआर के बाद पुलिस जांच में जुटी हुई थी। इस केस के उस वक्त के अनुसंधानकर्ता सह एएसआई बिरेंद्र सिंह ने जांच के क्रम में मुन्नी देवी को निर्दोष साबित कर दिया था। जिसके बाद गायब बच्चों की मां सुनीता देवी ने इसकी शिकायत तत्कालीन एसपी से की थी जिसमे देयादीन जेल गई और अनुसंधानक लाइन हाजिर हुआ था।

महिला की शिकायत पर बेतिया के तत्कालीन एसपी नरकटियागंज पहुंच कर जांच पड़ताल किए थे। जांच पड़ताल करने के बाद एफआईआर में आरोपित महिला मुन्नी देवी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया तथा इस केस के अनुसंधानक बिरेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया। मामले में मुन्नी देवी जेल गई। 6 माह तक वह जेल काटी फिर बेल पर रिहा हो गई। हालांकि उसकी तलाश करने में शहर के कुछ समाजसेवी भी जुटे थे। इस संबंध मे बरामद बच्ची अंजली उर्फ वंदना ने बताई की मुझे नहीं पता की मैं कैसे वहां गई । 9 वीं क्लास में रजिस्ट्रेशन कराने के लिये जब आधार कार्ड बनवाने गई तो पता चला। वहीं इस संबंध मे अपहृत बच्चे की मां सुनीता देवी ने बताई की नरकटियागंज के वर्मा प्रसाद द्वारा मुझे सुचना मिली तब हम शिकारपुर पुलिस के सहयोग से लखनऊ गये और वहां से अपने बच्चों से मिली और बच्ची को अपने साथ लाई और पुत्र का अभी परीक्षा चलने के कारण नहीं आया है आश्रय गृह के वार्डन ने विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेशी करने को बोली है। परीक्षा समाप्त होने के बाद बच्चे को वापस लाया जाएगा। वहीं इस संबंध मे फिलहाल पुलिस कुछ भी बताने से इंकार कर रही है।

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